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21 से 21 का संवाद

उसने पूछा.... जो 21 ज्यादा है तो इसमें कम क्या है और जो हो भी गया तो इसमें गम क्या है जवाब आया... मेरी आँखों में क्या गम दिखता है? मेरे चेहरे से कुछ ऐसा झलकता है? सुनकर बोला... कभी कभी तुम्हारी माँ के चेहरे पर देखा है कभी तुम्हारे पापा की बातों मे झलका है तो जवाब आया... हाँ माँ को कभी कभी ऐसा लगता है की उसके अलावा कोई मुझे समझता है? इस पर 21 ने पूछा फिर.... बस जब भी माँ का मन भर आता है मेरे मुस्कुराता चेहरा कुछ समझा जाता है क्या... उसने फिर पूछा की हमारे प्रारब्ध मे भावनाओ का प्रसार है और फिर ये तो दुखों का संसार है इस पर दुनियादारी मे 21 थोड़ा उलझा सा बोला मतलब.... मतलब की कौन है जिसे कोई गम ही नहीं क्या तुम्हारा समझदारी मे कोई सम नहीं जवाब आया... नहीं मेरा 21 तो मापदंड पर निर्धारित है और ये मूलभूत रूप मे 21 से ही रहित है यही मै समझाना चाह रहा था मेरा 21 मुझे Down syndrome बनाता है पर इस दुनिया मे तुम्हारे 21 को ये कहीं नहीं पहुंचाता है ये तो बस इस संसार की सोच का विकार है जिसके कुछ अलग से मापदंड इसका आधार है खुशियों मे हमारा परिवार किसी से कम ही नहीं क्यूंकि हमारे हौसले और उम्मीद का क